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अंतिम

जब तुमसे अंतिम बात हुई..

: भूल तो नहीं जाओगे मुझे?..

: कभी नहीं

पर असल में अब भूलने लगा हूं,

हर दिन के साथ थोड़ा थोड़ा,

पहले कई बार सोचता था तुम्हें,

फिर सुबह शाम तुम्हारी यादें

और अब पूरा दिन ऐसे ही बीत जाता है

पर रात को तुम सम्पूर्ण ही पसर आती हो मस्तिष्क पर..

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