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एक कश

कुछ देर ही सही

आ पास बैठ मेरा हाथ तो थाम

कुछ देर ही सही

मुझे सुन,अपनी सुना जो किसी से ना कही

कुछ देर ही सही

वो दूर बैठे चुपके से देख तो रही

कुछ देर ही सही

जाते हुए को हर क़दम पर मुड़ के देख तो रही।

कुछ देर ही सही

हमारी बेबस आंखे मिल तो रही

कुछ देर ही सही

कुछ देर ही सही

मेरे दिलबर

मेरे जानी

मेरे पास तो रहो!!

💚

~ एक अंतिम कश🚬


6 जुलाई 2022

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