Novelist GuyJan 181 min readसाथ नही छोड़ूंगायदि तुमने मुझे अपना वसंत समझा है , तो वादा करता हूँ मैं ही तुम्हारा सावन भी बनूँगा , तुम्हे सीचूंगा फिर से हरा भरा करूँगा , खुशियाँ दूंगा पर कभी साथ नही छोड़ूंगा ।
यदि तुमने मुझे अपना वसंत समझा है , तो वादा करता हूँ मैं ही तुम्हारा सावन भी बनूँगा , तुम्हे सीचूंगा फिर से हरा भरा करूँगा , खुशियाँ दूंगा पर कभी साथ नही छोड़ूंगा ।
प्रेम की अनुपस्थिति प्रेम की अनुपस्थिति में प्रेम की व्याप्ति पर लिखना कुछ इस तरह होता है कि हमे उस सपने का उल्लेख करना है जो हमने रात में सबसे गहरी नींद में सोते हुए देखा था और अफ़सोस तो इस बात का है कि सुबह होते ही हम