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उसके बाद क्या



कर लूँगा जमा दौलत ओ ज़र उसके बाद क्या?

ले लूँगा शानदार सा घर उसके बाद क्या?

मई की तालाब जो होगी तो बन जाउंगा मैं रिंद

कर लूंगा मैकदों का सफर उसके बाद क्या?

होगा जो शौक हुस्न से राज़ ओ नियाज़ का

कर लूंगा गयसूं में सहर उसके बाद क्या?

शायर ओ सुखान के ख़ूब सजाऊंगा महफ़िलें

दुनिया में होगा नाम मगर उसके बाद क्या?

मौज आएगी तो सारे जहां की करूंगा सैर

वापस ही पुराना नगर उसके बाद क्या?

एक रोज़ मौत ज़ीस्ट का दर खटखटाएगी

बुझ जाएगा चिराग ए कमर उसके बाद क्या?

उठी थी खाक, खाक से मिल जाएगी वही

फिर उसके बाद किस को खबर उसके बाद क्या?

कवि - कमर जलालाबादी


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